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कई बातें अधूरी

कई  बातें अधूरी ... जो तुम्हीं  कह नहीं पाया था आखिर मैं  ,
चिटकती  धुप में अकेला छोड़ तुमको .....था क्यूँ आया मैं  ..
के अब जो सूचता हूँ ,  था नहीं मुश्किल , जो  कर  पाया मुकम्मल मैं 
रहेगा साथ ये दिल पर लगा जो घाव  इस्क मैं है ...

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