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आज तू क्यूँ याद आया कम्बक्त

आज तू क्यूँ याद आया कम्बक्त , 
तुझे देके सदियाँ हुई ,
तुझे याद किए अरसे बीते ,
लगा तू छूट गया कहीं ,
पर फिर आज तू क्यूँ याद आया कम्बक्त , 
याद है जब देखा तुझे पहली दफा ,
शायद जो ढूंढ रहा था अरसों से , 
मिला पहली दफा है , 

छूटी वो गलियन नवाबों की ,
छूटे वो  यार दोस्त ,
छूटी सब खुशियाँ ,

मिलूँगा तुझसे मेरे-ए अक्स  ,
कब तलक कत्रुंगा  मैं  तुझसे ,
..................................................
I will finish it later ..







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