Kitna kuch hai zahan main ..
कितना कुछ करने का मन है पर कर नहीं पाता , कितना कुछ कहना चाहता हूँ पर कह नहीं पाता .
बस सोच के रह जाता हूँ , क्या चाहता हूँ क्या क्या नहीं चाहता ये कहना बहुत मुश्किल पड़ जाता है
पर बहुत कुछ करना चाहता हूँ .......
बस सोच के रह जाता हूँ , क्या चाहता हूँ क्या क्या नहीं चाहता ये कहना बहुत मुश्किल पड़ जाता है
पर बहुत कुछ करना चाहता हूँ .......
Post a Comment